निर्मल पावन भावना, सभी के सुख की कामनागौरवमय समरस जनजीवन, यही राष्ट्र आराधनाचले निरंतर साधना ... {२}जहाँ अशिक्षा अंधकार है, वहाँ ज्ञान का दीप जलायेस्नेह भरी अनुपम शैली से, संस्कार की जोत जगायेंसभी को लेकर साथ चलेंगे, दुर्बल का कर थामनाचले निरंतर साधना ... {२}जहाँ व्याधियों और अभावों, में मानवता तडप रहीघोर विकारों अभिशापों से, देखो जगती झुलस रहीएक एक आँसू को पोछें, सारी पीड़ा लांघनाचले निरंतर साधना ... {२}जहाँ विषमता भेद अभी है, नई चेतना भरनी हैन्यायपूर्ण मर्यादा धारें, विकास रचना करनी हैस्वाभिमान से खड़े सभी हों, करे न कोई याचनाचले निरंतर साधना ... {२}नर सेवा नारायण सेवा, है अपना कर्तव्य महानअपनी भक्ति अपनी शक्ति, ये करना जन जन का कामअपने तप से प्रगटायेंगे, मा भारत कमलासनाचले निरंतर साधना ... {२}