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एक बार एक स्वयंसेवक बंधु के मन में एक प्रश्न उठा , वह उसको लेकर विचलित था ।
एक दिन उसने उत्सुकता वश एक वरिष्ठ कार्यकर्ता से पूछ ही लिया कि भाईसाहब मेरे मन में एक प्रश्न है, कि सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता शाखा में प्रतिदिन आने पर ज़ोर देते हैं । वो कहते हैं चाहे तूफ़ान आये चाहे बरसात । शाखा आना ही चाहिए।
अब मान लो मैं शाखा आने के लिए घर से निकला और रास्ते में एक घर में आग लगी है तो मैं आग बुझाऊँगा या फिर शाखा आऊँ ।
वरिष्ठ कार्यकर्ता ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, आपको शाखा आना चाहिए । क्योंकि यदि आपको समाज के प्रति अपने दायित्व का बोध नहीं है तो आपको शाखा प्रतिदिन आना चाहिए ।

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