गीत विजय के गाये जा ।अपना धरम निभाये जा ।।गीत विजय के गाये जा ।अपना धरम निभाये जा ।।
अपना धरम है संयम पथ पर,रखना तन को, मन को शुद्ध ।कोई भी व्यवहार आचरण, कभी ना होगा नीति विरुद्ध ।।जीवन पुष्प चढ़ाये जाअपना धरम निभाये जा ||
अपना धरम है तजें विषमता,समरस अमृत घोलेंगे ।सारे भेद तिरोहित करके,हृदय हृदय को जोड़ेंगे ।।नव चैतन्य जगाए जाअपना धरम निभाये जा | |
अपना धरम है निर्भय होकर,अनथक तप दिनरात करें ।सर्व सुमंगल जीवन व्रत का,हर पल हर क्षण ध्यान करें ।।मुक्त गगन लहराए जाअपना धरम निभाये जा | |
गीत विजय के गाये जा ।अपना धरम निभाये जा ।।