;
अगर हम नही देश के काम आए
अगर हम नही देश के काम आए
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥

अगर हम नही देश के काम आए
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥
 
चलो श्रम करे आज खुद को सँवारें
युगों से चढी जो खुमारी उतारें
अगर वक्त पर हम नहीं जाग पाएं
सुभा क्या कहेगी पवन क्या कहेगा ॥
 
अगर हम नही देश के काम आए
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥ 
अगर हम नही देश के काम आए ||
 
 
मधुर गन्ध का अर्थ है खूब महके
पडे संकटों की भले मार सहके
अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कुराएं
लता क्या कहेगी चमन क्या कहेगा ॥
 
अगर हम नही देश के काम आए
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥ 
अगर हम नही देश के काम आए ||
 
बहुत हो चुका स्वर्ग भू पर उतारें
करें कुछ नया स्वस्थ सोचें विचारें
अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाएं
निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा ॥
 
 
अगर हम नही देश के काम आए
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥ 
अगर हम नही देश के काम आए ||

और भी पढ़ें:-