;
भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।
मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी ||

हरी हो गयी बंजर धरती , नाचे झरनो में बिजली।
सोना चांदी उगल रही है , तेरी नदियों का पानी।

भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।
मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी ||

मस्त हवा जब लहराती है , दूर – दूर तक पहुंचाती है।
तेरे ऊँचे ऊँचे पर्वत , निडर बहादुर सेनानी |

भारत माता तेरा आँचल , हरा – भरा धानी – धानी।
मीठा – मीठा चम् -चम करता , तेरी नदियों का पानी।|

और भी पढ़ें:-